आजमगढ़ जहां सरकार लोगों के पीने के पानी के लिए कई तरह की योजनाएं लागू कर रही है वही आजमगढ़ शहर में लगभग पूर्व में लगाए गए ज्यादातर प्याऊ बद हालत में दिखाई दे रहे हैं शहर में कोर्ट कचहरी सहित सभी अधिकारियों के बैठने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से जनता को हजारों की संख्या में प्रतिदिन आना होता है। तथा ग्रामीण जनता ज्यादातर प्याऊ जो कि सरकार ब सामाजिक संगठनों द्वारा शहर में लगाए गए हैं से अपनी प्यास बुझाने की आशा करती है। लेकिन शहर के ज्यादातर प्याऊ जो कि पूर्व या किसी सामाजिक संगठन के लोगों की प्यास बुझाने की हालत में शायद ही दिखाई दे रहे हो। इन बंद पड़े प्याऊ को देखकर जनता जब प्यास से बेहाल होती है। तो उनके सामने बोतल बंद पानी खरीद कर पीने के अलावा कोई और चारा नहीं दिखाई देता है।
चौक स्थित प्याऊ पर अतिक्रमण, पर नहीं पड़ती किसी की नजर
आजमगढ़ नगरपालिका या किसी और संगठन द्वारा शुद्ध पीने की पानी को लेकर चाहे जो दावे किए जा रहे हो, लेकिन उन दावों को आइना दिखा रहा है। शहर के चौक पर स्थित नगर पालिका द्वारा लगाया गया प्याऊ बंद हालत में पड़ा है। अगर देखा जाए तो वह प्याऊ पूरी तरह अतिक्रमण में तब्दील हो गया है।