(अरशद आलम)
आतंक, अलगाववाद और असुरक्षा के माहौल में सीसीटीवी कैमरा आज सुरक्षा प्रबंधन का, प्रमुख हथियार बन चुका है. खेल के मैदान से आतंकी वारदातों और सरकारी सर्विलांस क्षेत्र में अपनी पैनी निगाह से जरूरी सुरक्षा मुहैया कराते इस तकनीकी उपकरण में और क्या है खास जानिये :-
रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, शहर के व्यस्त चौराहों, बड़ेबड़े होटलों, संवेदनशील धार्मिकस्थलों, संसद, दफ्तरों, सर्राफा की दुकानों और महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक संस्थानों में दरअसल, सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाते हैं. सीसीटीवी कैमरा आज की दहशतभरी जीवनशैली में सुरक्षा का बड़ा आसरा बन गया है. पुलिस, खुफिया एजेंसियां सब इसी के भरोसे बड़ीबड़ी जिम्मेदारियां छोड़ती हैं. सीसीटीवी कैमरा आज की तारीख में सुरक्षा का एक मुकम्मल पैकेज बन गया है.
हो भी क्यों न? तमाम बढ़ोतरियों के बावजूद देश में न तो इतना पुलिसबल है कि हर जगह पर नजर रखी जा सके और न ही निजी सुरक्षा व्यवस्था का व्यय वहन कर पाना हर किसी के लिए संभव है. इस वजह से देश में तमाम निगरानी का काम इन दिनों एक छोटे से कैमरे के भरोसे हो रहा है. सीसीटीवी कैमरा आज आतंक और अलगाववाद के चरम दौर में सुरक्षा प्रबंधन का एक प्रमुख हथियार बन गया है. बड़े और महत्त्वपूर्ण शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, आदि में तो ऐसा कोई इलाका नहीं है जो इन दिनों सीसीटीवी कैमरे की निगाह में न हो. सच बात तो यह है कि जैसेजैसे दुनिया का विस्तार हो रहा है, तमाम गतिविधियां बढ़ रही हैं, अपराध की आशंकाएं बढ़ रही हैं वैसेवैसे सीसीटीवी कैमरों की जरूरत और उन की हर जगह मौजूदगी भी बढ़ रही है.
सीसीटीवी कैमरा सिर्फ अपराधियों और आतंकवादियों पर ही नजर नहीं रखता बल्कि ऐसी तमाम आपराधिक घटनाओं को हल करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जहां आमतौर पर इंसानी निगहबानी चूक जाती है.
दरअसल, जिस तरीके से आज आधुनिक कामकाज की शैली में कंप्यूटर के बिना हम एक दिन भी नहीं गुजारा कर सकते, ठीक उसी तरह से आज की तारीख में सुरक्षा संबंधी तमाम समस्याओं से हम बिना सीसीटीवी कैमरे के नहीं निबट सकते.
एक जरूरत
एक जमाने में कहा जाता था कि सुरक्षाबलों की सतर्कता से यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन आज यही बात कहनी हो तो कहना पड़ेगा सीसीटीवी कैमरे के चलते किसी इलाके में परिंदा भी पर नहीं मार सकता. वास्तव में जैसेजैसे इंसान ने विकास किया है वैसेवैसे आपराधिक गतिविधियों में बहुत तेज इजाफा हुआ है. हालांकि आवश्यकता आविष्कार की जननी है, इसलिए यह तो नहीं कहा जा सकता कि सीसीटीवी कैमरा इन्हीं बढ़ते अपराधों के चलते अस्तित्व में नहीं आया, लेकिन यह कहना कम महत्त्वपूर्ण नहीं है कि अगर आज सीसीटीवी कैमरा नहीं होता तो देश और दुनिया के तमाम बड़े शहर मौजूदा स्थिति से हजार गुना ज्यादा असुरक्षित होते.
वैसे तो भारत भी सीसीटीवी कैमरे जैसी आधुनिक सुरक्षा प्रणाली से सुरक्षित है लेकिन दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले और हमारी जनसंख्या को देखते हुए हमारे यहां सीसीटीवी कैमरे अभी बहुत कम संख्या में हैं