जाली नोट का कारोबार करने के मुकदमे में अदालत ने सुनवाई करने के बाद एक आरोपी को पांच वर्ष के कारावास तथा दो हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव शुक्ला ने बुधवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार इंस्पेक्टर शहर कोतवाली विजय शंकर तिवारी 4 जुलाई 2004 को क्षेत्र भ्रमण के दौरान अपने हमराहियो के साथ दीवानी न्यायालय चौराहे पर पर थे। तभी मुखबिर ने सूचना दी की एक व्यक्ति दुर्गा टॉकीज पर जाली नोट के साथ मौजूद है। मुखबिर की सूचना पर दिन में लगभग तीन बजे दुर्गा टॉकीज के पास आरोपी घरभरन चौहान पुत्र पलकधारी चौहान निवासी बेलकुंडा थाना रौनापार को 500 रूपये के 9 नोट के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपी घरभरन के विरुद्ध चार्ज शीट न्यायालय में भेज दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी ने इंस्पेक्टर विजय शंकर तिवारी, सब इंस्पेक्टर सदगुरु शरण सिंह, हेड कांस्टेबल श्यामलाल यादव, हेड कांस्टेबल मनोज तिवारी,कांस्टेबल श्रवण कुमार राय तथा सुरेश सिंह को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी घरभरन को जाली नोट रखने का दोषी पाते हुए पांच वर्ष के कारावास तथा दो हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।