आज़मगढ़: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयन्ती के अवसर पर सोमवार को अपर आयुक्त (प्रशासन) केके अवस्थी ने मण्डलायुक्त कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा सामूहिक रूप से राष्ट्रगान किया। इस अवसर पर आयुक्त सभागार में आयोजित गांधी जयन्ती समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपर आयुक्त ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा देश के पूर्व प्रधानमन्त्री स्व. लालबहादुर शास्त्री द्वारा देश के प्रति किये गये त्याग बलिदान के साथ ही इन दोनों महान विभूतियों की जिन्दगी के कई प्रेरक पहलुओं पर प्रकाश डाला। अपर आयुक्त श्री अवस्थी ने कहा कि गांधी जी स्वयं में एक संस्था हैं, जिन पर आज भी पूरी दुनिया में शोध हो रहा है तथा उनके आदर्शों, उसूलों, जीवन मूल्यों और संघर्षों को आत्मसात करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में हमारे देश को मुख्य रूप से महात्मा गांधी एवं महात्मा बुद्ध के देश के रूप में पहचाना जाता है, इसके बावजूद भी जो व्यक्ति गांधी जी को नहीं समझ पा रहे हैं तो स्पष्ट है कि उनके अन्दर गांधी जी को समझ पाने की समझ नहीं है। देश की स्वतन्त्रता के लिए गांधी जी द्वारा अहिंसा का मार्ग अपनाये जाने के कारणों की चर्चा करते हुए अपर आयुक्त ने कहा कि गांधी जी के इसी सिद्धान्त ने अंग्रेज शासकों के तथाकथित सुशासन का असली चेहरा सामने लाते हुए पूरे विश्व को उनके शोषण एवं उनकी दमनात्मक नीतियों से परिचित करा दिया। श्री अवस्थी ने इसी क्रम में पूर्व प्रधानमन्त्री स्व. लालबहादुर शास्त्री द्वारा पड़ोसी देश से युद्ध के दौरान अपनाई गयी रणनीति के साथ ही उनकी सादगी, संकल्पों के प्रति दृढ़ता आदि के सम्बन्ध में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यद्यपि कि लालबहादुर शास्त्री जी बहुम कम समय तक प्रधानमन्त्री थे, परन्तु इसी अल्पावधि में अपनी दूरदर्शिता के कारण उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी लीडरशिप का लोहा मनवा लिया था।
समारोह का संचालन अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील कुमार प्रजापति ने किया। इससे पूर्व अपर आयुक्त श्री अवस्थी ने सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री के बड़े चित्र का अनावरण किया गया तथा उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम को प्रशासनिक अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी, सहायक शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार त्रिपाठी व रामप्रकाश त्रिपाठी, सेन्ट्रल बार एसोसियेशन के अध्यक्ष प्यारे मोहन श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष आद्या प्रसाद सिंह आदि ने भी समारोह को सम्बोधित किया तथा दोनों महान विभूतियों को श्रद्धासुमन अर्पित किया, जबकि स्थानीय जीजीआईसी की छात्राओं द्वारा ‘रघुपति राघन राजाराम, पतित पावन सीता राम’ की प्रस्तुति की गयी। इस अवसर पर मण्डलायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों के साथ ही अन्य कार्यालयों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।