आजमगढ़: अपराध पर नियंत्रण एवं पेशेवर अपराधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के निर्देश पर जिले में अपराधियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई का असर यह कि कानून के भय से तमाम पेशेवर बदमाशों में अब भूमिगत हो जाने में ही अपनी भलाई नजर आती है। भौतिक लाभ कमाने के लिए आम जनता में आतंक और भय का माहौल पैदा करने वाले अपराधियों के खिलाफ पुलिस द्वारा सख्ती बरती जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को पुलिस ने गुंडा एक्ट में पाबंद किए गए आठ पेशेवर बदमाशों के बारे में की गई जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया। आख्या रिपोर्ट के आधार पर चिन्हित किए गए इन सभी अपराधियों को प्रशासन ने जिला बदर किए जाने का फरमान सुना दिया है। जिलाबदर किए गए इन अपराधियों में हत्या, दुष्कर्म, गोकशी तथा अन्य अपराधों के लिए कुख्यात बताए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा इन सभी को छह माह के लिए जिले से बाहर रहने की सजा सुनाई गई है।
जिन नामचीन अपराधियों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है उनमें बेलाल पुत्र मुफीद उर्फ मिस्टर, मोहम्मद नाजिम पुत्र महमूद तथा शहजाद पुत्र मोहम्मद नाजिम सभी निवासी ग्राम कौड़िया थाना फूलपुर, सुबेदार उर्फ सुरेन्द्र यादव पुत्र दिलराम ग्राम रोवां थाना रानी की सराय, सलाउद्दीन उर्फ राजू पुत्र रोहित निवासी छतउर कड़ासर थाना जहानागंज, विशाल पुत्र राजदेव यादव निवासी ग्राम बछवल थाना मेंहनगर, ओमप्रकाश यादव उर्फ भुंवर पुत्र गुलाब यादव ग्राम नौबरार देवारा जदीद थाना महराजगंज तथा शम्श आलम पुत्र फखरे आलम ग्राम दुबांवा थाना दीदारगंज के निवासी बताए गए हैं।