धंसा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे मरम्मत में जुटे कार्यदाई संस्था के कर्मी, आवागमन बाधित

Azamgarh | आजमगढ़ Uttar Pradesh | उत्तर प्रदेश

आजमगढ़: पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में भ्रष्टाचार चरम पर किया गया। बरसात होने से इसका उदाहरण जीता जागता यह सबूत के तौर पर दिखाई दे रहा। आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने अपना हिस्सा लेकर बनाने वाली कम्पनी से मिलकर भ्रष्टाचार को बढावा दिया है। बता दें कि लखनऊ से चलकर गाजीपुर तक जाने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की रफ्तार पर उस समय ब्रेक लग गया।

जब भारी बारिश के चलते सदर तहसील क्षेत्र के कोठरा और मनचोभा गांव के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में 244 पर काफी बड़ा गड्ढा हो गया। जिसके कारण पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के एक तरफ से आवागमन बाधित हो गया। सूचना मिलते ही कार्यदाई संस्था यूपीडा कर्मी मौके पर पहुंचे और धंसे स्थान की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया।

इस दौरान एक्सप्रेस वे की एक लाइन से ही दोनों गाड़ियों का आवागमन हो रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक 340.8 किमी लंबा 6-लेन का (प्रत्येक दिशा में 3-लेन) एक्सप्रेसवे है जिसे आठ लेन तक बढाये जा सकने लायक बनाया गया है। यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। एक्सप्रेस वे पूर्व में गाजीपुर शहर से राज्य की राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज (चांद सराय) गाँव को, (आजमगढ़ और अयोध्या के माध्यम) से जोड़ता है। इसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 22,494 करोड़ की लागत जिसमें भूमि अधिग्रहण का मूल्य भी शामिल है। से विकसित किया गया है। यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से गाजीपुर के बीच 9 जिलों लखनऊ से शुरु होकर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर तक जाती है।

एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2017 में समाजवादी सरकार मे मुख्यमंत्री अखिलेश जी के द्वारा इसके भूमि अधिग्रहण के बाद शिलान्यास किया गया था लेकिन फिर दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास किये जाने के बाद शुरु हुआ था और 19 नवंबर 2021 को नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने के बाद जनता को जनता को ठगने कार्य किया गया।

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