आजमगढ़: प्रदेश सरकार द्वारा पिछले दिनों वन विभाग के माध्यम से सारस पक्षी की गणना कराने के समय जिले में कार्यरत वन कर्मियों द्वारा ताल-तलैया की खाक छानी गई लेकिन सारस पक्षी के दर्शन भी नहीं मिले। इसके बाद वन विभाग द्वारा जनपद को सारस पक्षी विहीन होने की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई। तभी बुधवार को अचानक जिले की सगड़ी तहसील क्षेत्र में पहुंचे मेहमान परिंदे सारस को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।
सुबह-सवेरे खेत में कुत्तों से घिरे सारस को बचाने के लिए कपसा गांव के निखिल दुबे को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। आफत में फंसी जान को बचाने वाले निखिल को देखते ही देखते विशालकाय सारस पक्षी ने देवदूत मान अपना दोस्त बना लिया। इतना ही नहीं यह मेहमान पक्षी घर की ओर रुख किए निखिल के पीछे पीछे चल दिया। यह खबर जैसे ही गांव वालों को पता चली निखिल के दरवाजे पर गांव के लोगों की भीड़ जमा हो गई। क्षेत्र में इस विशालकाय पक्षी के पहुंचने की खबर फैली और तमाम क्षेत्रवासी इस अजूबे दृश्य को देखने के लिए कपसा गांव पहुंच गए। मेहमान परिंदा अपनी जान बचाने वाले निखिल के साथ चहल कदमी कर रहा है और उसके साथ सेल्फी खींचने वाले युवाओं की भीड़ लगी हुई है।
बताते हैं कि जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूर मंदुरी एयरपोर्ट क्षेत्र में स्थित कपसा ग्राम निवासी स्वर्गीय पारस दुबे के पुत्र निखिल परिवार की आजीविका चलाने के लिए गुजरात प्रांत की सूरत शहर में प्राइवेट नौकरी करते हैं। 10 दिन पूर्व वह घर पर अकेले रह रही मां की देखभाल एवं कृषि कार्य निपटाने के उद्देश्य से अपने गांव आए हुए हैं। बताते हैं कि बुधवार की सुबह करीब पांच बजे वह नींद खुलने पर घर से बाहर निकले थे। इस दौरान घर के पीछे कुत्तों के लगातार भौंकने की आवाज सुनकर वह उत्सुकता वश वहां पहुंचे, जहां खेत में मौजूद विशालकाय सारस पक्षी को आवारा कुत्तों ने घेर रखा था। यह देख देख निखिल उस ओर दौड़ पड़े और किसी तरह सारस पक्षी को कुत्तों से बचाने में कामयाब रहे। खेत में मौजूद इस विशाल पक्षी को देखने के लिए उन्होंने गांव के लोगों को आवाज दी और देखते ही देखते वहां काफी संख्या में लोग जुट गए। हर कोई इस विशाल पक्षी को कौतूहल भरी निगाह से देखने लगा।
मौके पर जमा भीड़ के बीच मौजूद निखिल को अपना दोस्त मान चुके सारस ने भी साहस का परिचय दिया और निखिल के नजदीक आकर खड़ा हो गया। इसके बाद तो आगे-आगे निखिल और पीछे-पीछे सारस ने भी अपना कदम बढ़ा दिया। अपने घर के दरवाजे पर पहुंचे निखिल के पीछे चल रहे सारस को देखने तथा इस दृश्य को कमरे में कैद करने के लिए तमाशबीन युवाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला। विलुप्त प्राय श्रेणी में आ चुके इस पक्षी के बारे में पुलिस एवं वन विभाग को सूचना दी गई। कुछ समय बाद मौके पर पहुंचे 112 नंबर पुलिस सेवा में तैनात पुलिसकर्मी इस पक्षी के बारे में फोन पर संबंधित लोगों को जानकारी दी और सारस के दोस्त बन चुके निखिल को वन विभाग के लोगों के पहुंचने तक उसकी देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंप वापस लौट गए। अब इस बेजुबान पक्षी की देखभाल में जुटे निखिल वन विभाग के लोगों के आने का इंतजार कर रहे हैं।